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सफल व्यवसाय विचार: मुंबई की संकरी गलियों में फुटपाथ पर किताबें बेचने वाला एक साधारण युवक आज हर दिन 30 करोड़ रुपये कमा रहा है। यह कहानी उस व्यक्ति की है, जिसने अपनी मेहनत, कौशल और आत्मविश्वास के बल पर संघर्ष से सफलता की ओर बढ़ाया।
कभी फुटपाथ पर अपने जीवनयापन करने वाला यह शख्स आज अरबों की कंपनी का मालिक बन गया है। उसकी यह यात्रा हर युवा के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपनों को देखता है। आइए जानते हैं कि इस व्यक्ति ने अपनी मेहनत और जुनून से किस तरह का इतिहास बनाया। चलिए जानते हैं उनकी कहानी।
रिजवान साजन का जन्म मुंबई के एक सामान्य परिवार में हुआ। जिंदगी की कठिनाइयां तब बढ़ी जब उनके पिता का निधन हो गया। कम उम्र में ही परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियां उनके ऊपर आ गईं। परिस्थितियां ऐसी थीं कि उन्हें पढ़ाई छोड़कर काम करना पड़ा। अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्होंने फुटपाथ पर किताबें बेचना प्रारंभ किया।
रिजवान का कहना है, “मुंबई की सड़कों पर गुजरे कठिन समय को मैं कभी नहीं भुला सकता। वह समय मेरी असली शिक्षा थी।”
मुंबई से कुवैत और उसके बाद दुबई
पिता के निधन के बाद परिवार की परिस्थिति और खराब हो गई, जिससे 1981 में रिजवान एक बेहतर नौकरी की खोज में कुवैत चले गए।
वहां उन्होंने एक फर्म में प्रशिक्षु विक्रेता के रूप में कार्य प्रारंभ किया। उनका कार्य कठिन था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और कौशल से हर समस्या को अवसर में बदल दिया।
कुछ सालों बाद कुवैत में राजनीतिक स्थिति बिगड़ गई, और उन्हें कुवैत से निकलना पड़ा। इसके बाद उन्होंने दुबई जाने का निर्णय लिया।
डेन्यूब ग्रुप का निर्माण किया गया
1993 में दुबई पहुंचने के बाद, रिजवान ने अपनी कंपनी डेन्यूब ग्रुप की स्थापना की। शुरुआत में यह कंपनी Construction Materials का व्यापार करती थी। समय के साथ कंपनी ने Home Decor और Real Estate Development जैसे क्षेत्रों में भी पैर जमाए।
आज डेन्यूब ग्रुप 1 अरब डॉलर का व्यापारिक उपक्रम है, और सऊदी अरब, ओमान, कतर, बहरीन और भारत सहित कई देशों में इसका विस्तार हो चुका है।
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हर दिन 30 करोड़ रुपये की आय
रिजवान साजन का मानना है कि उनकी सबसे बड़ी ताकत है, “उत्कृष्ट सेल्समैन बनना।” इसी कौशल के कारण उन्होंने डेन्यूब ग्रुप को सफलता के उच्चतम स्तर पर पहुंचाया।
उनकी फर्म हर साल 10 बिलियन दिरहम का राजस्व उत्पन्न करती है, जो प्रतिदिन लगभग 30 करोड़ रुपये की आय के बराबर है।
मुंबई से दुबई तक का यात्रा कैसे की गई?
रिजवान साजन की कहानी यह दर्शाती है कि उचित सोच, प्रयास और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। फुटपाथ पर किताबें बेचने वाले इस युवा ने यह सिद्ध कर दिया है कि मेहनत और कौशल से ही सफलता की नींव रखी जाती है।
आज वे दुबई में सबसे धनी भारतीयों में से एक हैं। उनकी कहानी उन लाखों व्यक्तियों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो अपने हालात से हारने के बजाय उनसे मुकाबला करना चाहते हैं।
डेन्यूब समूह की सफलताएँ
डेन्यूब ग्रुप आज कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रमुख कंपनियों में से एक माना जाता है। कंपनी के प्रोजेक्ट्स UAE, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में अद्भुत इमारतें बना रहे हैं।
रिजवान बताते हैं, “डेन्यूब ग्रुप सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि एक सपना है, जिसे मैंने अपनी मेहनत से साकार किया है।”